THE SINGLE BEST STRATEGY TO USE FOR BHOOT KI KAHANI

The Single Best Strategy To Use For bhoot ki kahani

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Bhoot ki kahani

तब उनकी पत्नी ने उन्हें देख लिया . और छुड़ाया उनसे पूछने लगी. अरे आपको क्या हो गया। जो आप ऐसी वैसी हरकतें करने लग गए। तो वे कुछ नहीं बोले. जैसे कोई पागल कोई बात को सुन रहा हो। उनकी औरत परेशान होकर डॉक्टर के घर पहुंची और उनका इलाज करने को कहा हालांकि डॉक्टर को बीमारी समझ में नहीं आई। फिर भी वह उनको ग्लूकोज की बोतलें चढ़ाना चालू कर दिए। धीरे-धीरे कुछ दिन बीतते गए लाल सिंह की तबीयत मानो कैंसर के मरीज से भी बत्तर हो गई ।

एक दिन मेरी मां की तबीयत अचानक खराब हो गई। तब मेरे मामा मुझे मेरे घर ले आये। वो भी मेरे घर पर रुक गए। जब मेरी मां की तबीयत सही हो गई। तब मामा जी बोले कि मैं अपने घर जा रह हूँ।

जब उन्होंने जंगल में प्रवेश किया तो देखा, सूरज की रोशनी पेड़ के घने पत्तो से संघर्ष करते  हुए जमीन पर गिर रही थी। जंगल एकदम शांत था। उनको डर भी बहोत लग रहा था, लेकिन उनकी उत्तेजना ने उन्हें आगे बढ़ाया। कभी-कभार उल्लू की आवाज को छोड़कर जंगल में सन्नाटा था।

ते लगाते उसकी कार ने उस औरत को टक्कर मार दी। वो औरत अपने बच्चे सहित लगभग बीस फीट ऊपर उछल गईं। और फिर जमीन पर गिरकर तड़पने लगी। वो भयानक दृश्य देखकर आकाश का पैर कांपने लगा। आकाश ने अचानक से ब्रेक ...

एक दिन वह लड़की वहां पर नहीं दिखाई दी।तो मैं सोच में पड़ गया। ऐसा क्या हुआ जो वह लड़की आज नहीं आई । फिर मैं अपने घर की तरफ निकल पड़ा। एक हफ्ते बाद मेरे घर पर एक चिट्ठी आई और मुझे पता चल गया था कि यह चिट्ठी उसकी ही है। उसमें उसका नाम प्रीति लिखा हुआ था।और उसमें से एक फोटो निकली थी। जो कि उसी लड़की की थी। मैं चौक गया की उसे मेरा पता कैसे चला।

जीवन में लक्ष्य का होना ज़रूरी क्यों है ?

आदमी बस ठंड से कांप जा रहा था। उसने उसे अपने बैग से एक शॉल निकालकर दे दिया। आदमी जैसे ही रमेश की तरफ बढ़ा। रमेश डर गया।

मुंह के छालों से छुटकारा पाने के आयुर्वेदिक व घरेलू उपाय

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बोलो तो बीड़ी सुलगाए हम लोगों ने बोला क्यों नहीं । तो हमारे मित्र ने चार बीड़ी जलाई । सब ने एक – एक बीड़ी अपने हाथ में ले ली। तभी एक मित्र ने बोला अरे मुझे भी तो पिलाओ हमने हंसकर बोला।

और उनको कुछ याद भी नहीं आया. और वह एकदम स्वस्थ हो गए, और अपने बैंक में काम फिर से चालू कर दिया।

फूलपुर गांव में शाम का वक़्त था शहनाई की आवाज सुनाई दे रही थी आज अभिषेक और मायरा की शादी थी । फूलपुर गांव में खूनी वधु का आतंक था इसीलिए लोग रात होने से पहले ही अपने घर का दरवाजा बंद कर देते थे । ...

जीवन और मृत्यु, पृथ्वी पर मानव जीवन का अटल सत्य है । जो जीव जन्म लेता है वह एक ना एक दिन मृत्यु को प्राप्त होता ही है। एक मानवी अपने जन्म से मरण तक के सफर में हंसता है, रोता है, इच्छा करता है, सफलता प्राप्त करता है, असफल भी होता है, निराश होता है, भावुक होता है, क्रोधित होता है, रुष्ट होता है, कामना करता है, और त्याग भी करता है, ऐसा कहा जाता है कि अपने जीवन काल में अधूरी रह जाने वाली कामनाओ की पूर्ति करने के लिए जीव-आत्मा मृत्यु के बाद भी भटकती रहती है।

अंत में वे गुफा के द्वार पर पहुँचे। गुफा बहुत बड़ा था और जंगल से ढका हुआ था। धड़कते दिल के साथ, राम और सोनू ने अंदर कदम रखा। गुफा नम थी और अंदर अँधेरा था। वे दोनों टोर्च जलाकर अंदर जाने लगे।

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